वर्ष 2004 में वे विधिवत रूप से नागा साधु बनीं। उस समय उन्होंने कहा था कि वे कुछ चीजों को अलग तरीके से करना चाहती हैं। उन्होंने बताया कि जहां जूना अखाड़े के इष्टदेव भगवान दत्तात्रेय हैं, वहीं वे अपनी इष्टदेवता के रूप में दत्तात्रेय की मां अनुसूया को मानना चाहती हैं।
महिला नागा साधु की इष्टदेवता