प्राचीन समय में धनुष बाण  का बहुत महत्व था। इन शस्त्रों की मदद से किसी भी युद्ध का परिणाम बदला जा सकता था।

पौराणिक कथाओं में ऐसे कई धनुषों के बारे में बताया गया है जो बहुत शक्तिशाली और दिव्य थे।

सबसे शक्तिशाली धनुष 

ग्रंथो के अनुसार, बड़े योद्धा ही इन शक्तिशाली धनुष को धारण कर सकते थे। क्योकि इनको चलना या उठा भी पाना किसी आम इंसान के बस की बात नहीं थी ।  

कौन से थे यह दिव्य धनुष

पौराणिक कथाओं के अनुसार, अर्जुन का गांडीव धनुष सबसे शक्तिशाली था। इसे  विश्वकर्मा ने बनाया था । कहा जाता है कि इसके तार ब्रह्मांडीय तत्वों से बने थे, और इसे तोड़ना असंभव था. महाभारत के युद्ध में अर्जुन ने इसी धनुष से अनेक कौरव योद्धाओं का वध किया था

गांडीव धनुष 

सारंग धनुष एक दिव्य धनुष था. परशुराम ने अपने जीवन के उद्देश्य को पूरा करने के बाद उसे भगवान राम को सौंप दिया था. सारंग धनुष में अपार शक्ति थी. भगवान राम ने इसी धनुष से रावण का वध किया था।

सारंग धनुष

पिनाक भगवान शिव का धनुष था और इसे बहुत ही शक्तिशाली माना जाता था। इसको उठा पाना  साधारण मानव के लिए असंभव था. ये वहीं धनुष है जिसे भगवान राम ने माता सीता का स्वयंवर जीतने के लिए उठाया था।

पिनाक धनुष

यह धनुष सूर्यदेव ने कर्ण को दिया था। विजय धनुष कर्ण के पराक्रम और शक्ति का प्रतीक था। जिस किसी के पास भी यह धनुष होता था उसे हरा पाना असंभव था ।महाभारत के युद्ध में कर्ण ने इसी धनुष से अनेक पांडव योद्धाओं को परास्त किया था

विजय धनुष